आरती योगेश्वरीची
Wednesday, June 29 AT 01:25 PM (IST)
जयदेवी जयदेवी जय योगेश्वरीमाते । जय योगेश्वरीमाते। कुलस्वामिनी जगदंबे करुणामृतसरिते धर्माला ये ग्लानी, स्थिति केविलवाणी । असुरे पीडित जनता, त्राता तिज न कुणी। साद घाली तुज अंबे धाव धाव जननी । धावा पडता श्रवणी, घेशी धाव झणी जयदेवी जयदेवी जय योगेश्वरीमाते ।।1।। असुराते निर्दाळुनि, धर्मा रक्षियले। सज्जनपालन केले, दुर्जन मर्दियले। विश्रांतीस्तव निर्जन स्थाना शोधियले। आंबग्रमानिकटी वास्तव्या केले। जयदेवी जयदेवी जय योगेश्वरीमा ...